सरकंडा थाना अपराध रोकने में नाकाम

अपराधियों से संधी कर चलाते है थाना

बिलासपुर सरकंडा थाना क्षेत्रान्तर्गत मुरुम खदान अशोक नगर अपराध का गढ़ बन चूका जिसके कारण थाना सरकंडा में जमे पुराने मुंशी ठोला जो इन अपराधियों को सह देते है जिसका ताजा उदाहरण 14अप्रैल की रात्री करीब 12:30 बिरकोना से लगभग 5 बुजुर्ग कालीमंदिर से जस गीत भजन कर के ऑटो रिक्शा से लौट रहे थे जिनके ऊपर कुछ नकाब पोश ने हमला कर दिया मोबाइल पैसा लूटने के साथ बुजुर्गो के साथ मारपीट कर धमकाया चमकाया. कहा क़ि थाने में हमारी चलती है कोई कुछ नहीं कर सकता .सभी भजन मंडली के बुजुर्ग कांपते हुए अपना जान बचाकर घर लौटे.नशे में धुत बदमाशों ने ऑटो चालक को भी डराया ऑटो को क्षति पहुंचाने कि कोशिश की .घटना शिकायत पीड़ितों ने थाने में लिखित में दी किन्तु मजे की बात देखिये जो इन उचक्को ने कही थी की थाना भी कुछ नहीं करेगी वो बात सिद्ध हो गयी.एक पुलिस कर्मी ने इन पीड़ितों को लुटेरों का फोटो दिखाया और पहचान लिया गया लेकिन पुलिस के पास बल नहीं की इन नशेड़ी लुटेरों को पकड़ सके.आप सोच रहे होंगे की क्या कारण है इन पर शिकंजा नहीं कसा जा रहा है तो इसका सीधा सा जवाब है थाना सरकंडा सेट है .कोई कार्यवाही नहीं होती .थाना में जमे पुराने पुलिस कर्मी सब जानता है कहाँ कौन अपराधी कौन सा अपराध कर रहा है .इस थाने शाम होते एक दो को छोड़कर सभी सिविल ड्रेस में रहते है.पुलिस कप्तान के आदेश के बाउजूद ये लोग सुपर कॉप बने घूमते है अपराधियों से वसूली कर मामला को ठन्डे बस्ते में डालकर पीड़ितों को तारिक देकर वापस भेज देते है .लूटपाट की इस घटना को ही देखिये एफआईआर ही दर्ज नहीं किया और न अपराधियों को पकड़ने की कोई कोशिश दिख रही है.थाना सरकंडा हमेशा से विवादों में घिरा रहता है .यहाँ के कार्य शैली पर नव पदस्त पुलिस अधीक्षक ने स्वयं संज्ञान ले चुके है किन्तु इस थाने को कोई फर्क नहीं पड़ता और अब लगता है कोई इनको पुलिस मैन्युअल भी नहीं सीखा सकता ..???
थाना प्रभारी प्रशिक्षु डीएसपी रोशन आहूजा.मामला जानकारी में नहीं है .पता कर के बताता हु .
शहर अति .पुलिस अधीक्षक उमेश कश्यप मामले की जाँच करवाता हूँ .यदि अपराधियों की पहचान हो गयी थी तो गिरफ़्तारी हर हाल में होगी.

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